tag:blogger.com,1999:blog-3506891854453526851.post1583827796598218885..comments2023-05-26T07:26:30.338-07:00Comments on तिश्नगी: विविधता का फायदाअखिलेश चंद्रhttp://www.blogger.com/profile/09848906103236569590noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3506891854453526851.post-36165188904782758802009-09-21T05:39:31.304-07:002009-09-21T05:39:31.304-07:00बिलकुल सही कहा. हम स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक...बिलकुल सही कहा. हम स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक है. तभी तो हमारे नेता भी हमारे साथ कुछ भी करने के लिया स्वतंत्र हैं. हम उनका कुछ भी बिगाड़ नहीं सकते हैं. उनके पास जो भी है वह उनकी किस्मत से है. जनता भूखी, नंगी, लाचार है वह उसकी किस्मत है.<br /><br />नेताओं का तो सिर्फ काम है जनता के ऊपर पंद्रह प्रकार के टैक्स के बाद एक और "वैट" लगा देना. साथ ही भारतीय संस्थाओं के द्वारा किये जाने वाले समाज सेवा को भी "नॉन प्रोफिटेबल व्यवसाय" का दर्जा देना. जबकि विदेशी संस्थाओं के द्वारा यही कार्य करने पर उसे "वैट" से मुक्त कर देना (आखिर उन संस्थाओं के चलानेवालों से उनका वोट बैंक जो सुरक्षित है).<br /><br />इससे भी बढ़कर एक्स बात और, जनता बेवकूफ नहीं तो और क्या है जो उम्मीद करती है कि एक पूर्व अभिनेत्री से नेत्री बनीं महोदया बाढ़ की हालत में उनसे मिलने दिल्ली से आयें. अगर वह डूब जाती तो इस देश के क्या होता. आखिर उनकी जान की भी कोई कीमत हैं या नहीं? इतने सारे भाषण देने हैं, कई सारे उदघाटन करने हैं और विदेश दौरे भी तो करने हैं. अगर जनता को थोडी सी परेशानी होती है तो बड़ी बात क्या है? उन्हें तोइसकी आदत लग जानी चाहिए.Rakesh Chandrahttps://www.blogger.com/profile/13493165133994210847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3506891854453526851.post-80908683729575630562009-09-16T01:38:28.332-07:002009-09-16T01:38:28.332-07:00हम तो खुद को धन्य समझते हैं कि इन विविधताओं के बीच...हम तो खुद को धन्य समझते हैं कि इन विविधताओं के बीच हमने जन्म लिया। हमारे ज्ञान चक्षु खुले और चीजों को जानने समझने में सक्षम हुए। हमें ऐसी विविधता पर गर्व है.<br /><br />Vyangya dhardhar hai.kumar piyushhttp://kumarpiyush.blogspot.comnoreply@blogger.com