यह जमाना उल्टे-पुल्टे का है। सामान्य चीजें वही हैं, जो उल्टी-पुल्टी हैं। इसे आधुनिक दुनिया का नया सिद्धांत माना जा सकता है। अगर नहीं मानेंगे तो आपसे बड़ा बेवकूफ कोई नहीं होगा। कम से कम आपको बेवकूफ न माना जाए इसलिए भी नए सिद्धांत को मानकर अपनी लाज बचा लीजिए!
अपने देश के क्रिकेट प्रबंधन को ही देखिए। यहां जब तक कुछ उल्टा-पुल्टा न हो तो यह क्रिकेट का खेल ही न रहे! यहां का दस्तूर बड़ा अजीब है। इस खेल को मैदान में खेलते खिलाड़ी हैं, लेकिन मैदान के बाहर खेल का 'सबसे बड़ा खिलाड़ी'होता है। अन्य खेलों की ही तरह अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए खिलाड़ियों को तब तक नहीं चुना जाता, जब तक उनके चाचा-नाना टीम न चुनें। चाहे बल्ला और गेंद पकड़ने आता हो या नहीं टीम में जगह पक्की है। अगर यह फार्मूला फेल हुआ तो क्षेत्र वाला फार्मूला तो एवरग्रीन है ही। चिंता काहे की!
इसके बाद टीम में बने रहने के लिए चयनकर्ता और प्रबंधन के साथ कप्तान का प्यारा होना भी जरूरी है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो टीम में साथी खिलाड़ियों को पानी पिलाने और पसीना पोछने के लिए तौलिया पहुंचाने भर से ज्यादा खिलाड़ी की औकात नहीं रहेगी। टीम का 12वां खिलाड़ी होना भी, तब बड़े सम्मान की बात होगी! इतना बड़ा कि सिर्फ इसी उपलब्धि पर खेल रत्न पुरस्कार सहित बड़े-बड़े पुरस्कारों की झड़ी लगा दी जाए!
आधुनिक क्रिकेट टीम का हिस्सा बने रहने के लिए एक बात और बेहद जरूरी है। खिलाड़ी को टीम का कप्तान होना चाहिए! खिलाड़ी चले या न चले उस पर अंगुली नहीं उठाई जा सकती। क्योंकि एक असफल खिलाड़ी एक अच्छा कप्तान हो सकता है! आजकल तो अच्छा न खेलना बहुत अच्छे कप्तान होने की गारंटी भी देता है। इसलिए यह समझ लेना चाहिए कि खिलाड़ी बढ़िया नहीं खेल रहा है तो वह जरूर टीम का कप्तान होगा। यदि दुर्भाग्य से ऐसा नहीं है तो क्रिकेट प्रबंधन और चयनकर्ताओं को इस बात पर गौर करना चाहिए! टीम का कप्तान उसी खिलाड़ी को बना देना चाहिए, जिसका प्रदर्शन बढ़िया न हो! टीम भी घंटे-मिनट भर के लिए ही सही चोटी का स्वाद तो 'चख' लेगी!
इन सारे सिद्धांतों से अलग एक सिद्धांत और है। खिलाड़ी चाहे टीम का कप्तान न हो, चयनकर्ता-प्रबंधन का चहेता न हो, टीम के कप्तान से भी न बनती हो लेकिन उसे खेल का भगवान होना चाहिए! और इस देश में भगवान की ओर कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता।
सार्थक पोष्ट के लिए
ReplyDeleteआभार
सादर
bahut hi sahi...........satik.hamare desh mein cricket dharm hai aur cricketer bhagwan.
ReplyDelete