Monday, March 23, 2009

माही की उलझन

एकदिवसीय सीरीज जीतने के बाद एक दिन माही का फोन आया। मैं ट्वेंटी-20 सीरीज हारने के बाद ही उससे बात करना चाहता था। लेकिन फिर सोचा कि वनडे के बाद ही बात करना ठीक रहेगा। अभी मैं फोन करने के लिए सोच ही रहा था कि उसी ने याद कर लिया। फोन पर वह बहुत चहक रहा था। मैंने उसे बधाई दी। इसके साथ ही जोड़ा कि चलो अब अगले कुछ सीरीज तक बेफिक्र रहोगे! माही ने धीमे स्वर में हामी भरी।

लेकिन माही की आवाज में पहले वाली खनक नहीं थी। मैंने पूछा-टीम में सब ठीक तो है न? टीम तो ठीक है यार लेकिन मैं ठीक नहीं हूं। मैं चौंक गया! कहीं चोट-ओट तो नहीं लग गई। माही ने इसे खारिज करते हुए कहा-अरे, नहीं। तूने टीवी पर मैच नहीं देखा क्या। मेरा बल्ला यहां नहीं चल पा रहा है, यार। मैंने माही को ढाढ़स बधाया। कहा- बल्ला नहीं चल रहा तो क्या हुआ मैच जीत रहे हो न, बस! वैसे भी तुम्हारे फैन तो हर जगह हैं। इतनी जल्दी तो मोह भंग होने से रहा। अभी टेस्ट तो बाकी है! माही ने कहा फिर भी डर तो लगता है न! मैंने माही से कहा तुमने ये तो सुना ही होगा कि डर गया सो मर गया। इसलिए डर पर ध्यान मत दो। सिर्फ गेम खेलते रहो!

माही रुकने का नाम नहीं ले रहा था। उसके पास बताने के लिए और भी बहुत कुछ था। वह लागातार बोले जा रहा था। इसलिए मैं सवाल नहीं पूछ पा रहा था। बड़ी देर से मेरे मन में खलबली मची थी। बीच में टोकते हुए मैंने अपना सवाल दागा- ट्वेंटी-20 मैच के दौरान तुम इतने उखड़े-उखड़े क्यों लग रहे थे? पहले तो माही ने थोड़ी ना-नुकुर की लेकिन मेरे जोर देने पर कहा-उस दौरान मेरी गर्लफ्रेंड नाराज हो गई थी। इसलिए मैं अपसेट था। ये तो बड़ी अजीब बात है, माही भी गर्लफ्रेंड के नाराज होने से अपसेट हो जाता है। मैंने पूछा- कौन सी वाली गर्लफ्रेंड? इस सवाल का जवाब माही ने यह कहकर टाल दिया कि फोन पर डिटेल नहीं बता सकता! मैं भी इस बात को यहीं छोड़ आगे बढ़ गया।

वापस मैं क्रिकेट पर लौट आया। पूछा टेस्ट मैचों के बारे में क्या सोचा है? माही ने तपाक से कहा व्हाइट वाश कर देंगे कीवियों का! अगले ही पल थोड़ा संभलते हुए उसने कहा यदि सचिन का बल्ला चला तो! मैंने इस बात पर जिरह नहीं की। क्योंकि मैं बातचीत की हैप्पी इंडिंग चाहता था !

2 comments:

  1. ये भी बड़ी पशोपेश वाली बात हो गयी

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  2. उम्मीद करते हैं ज़रूर जीतेंगें। अखिलेश जी वैसे जो आपने बुधवार और बधवार वाले बात पूछी थी...ईमानदारी की बात तो ये है कि मुझे भी इस बारे में कुछ नहीं पता।

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