Monday, April 20, 2009

आइए, मिलकर दुआ करें

हमारे यहां विदेशी चीजों का बड़ा क्रेज है। चाहे चीज कैसी भी हो। बाहरी होने भर से ही उसको हम अच्छा मानने लगते हैं। हमारे आसपास के लोगों में हमारा रुतबा अचानक ही सेंसेक्स की तरह ऊपर उछल जाता है! कई बार तो हम भारत में बनी चीज ही अमेरिका से खरीदकर इठलाते फिरते हैं! विदेशी कार और घड़ी की डिमांड तो सबसे ज्यादा है। मैं भी आजकल इससे प्रभावित हो गया हूं। लेकिन मैं भौतिकवादी चीजों से अलग कामना रखता हूं। मेरी बड़ी इच्छा है कि अपना देश भी कुछ विदेशों की तरह बन जाए! वैस कुछ तो पहले ही बन चुका है। इसके आगे जो भी होगा वह कुछ से ज्यादा ही होना चाहिए! उम्मीद तो कर ही सकते हैं।

इन सबसे अलग खेलों में भी विदेशियों की बड़ी मांग रहती है। खेल चाहे कोई भी हो खिलाड़ी विदेशी टीमों की तरह सुविधा के साथ-साथ विदेशी कोच की मांग जरूर करते हैं। फलां देश की तरह स्टेडियम, फलां देश की तरह खाना तब ही परिणाम मिल सकता है। सब जानते हैं हश्र! विदेशी कोचों और ट्रेनर के बिना हम पंगु बन जाते हैं! न हम मैच जीत पाते हैं और न ही फिट ही रह पाते हैं। इसी विदेशी क्रेज को देखते हुए हमारे क्रिकेट के प्रबंधकों ने आईपीएल को भारत के बाहर शिफ्ट कर दिया! यह दावा भी किया जा रहा है कि यह पहले वाले की तुलना में ज्यादा हिट होगा।

बात यहीं खत्म हो जाती तब भी ठीक था। टीम के मालिकों ने जीत के लिए विदेशी कोच के अलावा अब विदेशी कप्तान भी बना दिए हैं। जीत तो उन्हीं के कदम चूमेगी जिस टीम के कप्तान विदेशी हैं! यहां भी देशी खिलाड़ियों पर विदेशी खिलाड़ियों को तरजीह दी गई। क्योंकि बाहरी चीजें ज्यादा अच्छी होती हैं! चाहे रोज-मर्रा के उपयोग में आने वाला सामान हो या विदेशी भाषा या फिर खिलाड़ी ही क्यों न हों! इसको देखते हुए हम चाहते हैं कि कोई विदेशी कप्तान वाली टीम ही आईपीएल का सिरमौर बने!

पहली बार की तरह इस बार भी आईपीएल को बड़ी सफलता मिल रही है। टीवी पर मैच देखकर तनिक भी नहीं लगता कि ये मैच भारत के बाहर हो रहे हैं। टोकरी भर-भर के दर्शक मैच देखने आ रहे हैं! ऐसे में यदि आईपीएल-3 को इंटरनेशनल प्रीमियर लीग बनाकर इंग्लैंड या आस्ट्रेलिया शिफ्ट कर दिया जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए! हमें सिर्फ टीवी पर इनका लुत्फ उठाने को विवश कर दिया जाएगा! आइए हम सब मिलकर दुआ करें कि ऐसा न हो!आमीन!






3 comments:

  1. हमारे यहां विदेशी चिजों का बडा क्रेज है @

    सिर्फ देसी घी को छोड़ कर (-:

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  2. Bilkul sahmat hoon tumhari baat se.Yun hi likhte raho.

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  3. kaise isme chale aaye. aap to hero bannaa chahte the.

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