Friday, June 26, 2009

राई और सरसों की लड़ाई

यह जंग किसी भी अन्य लड़ाई से तनिक भी कम नहीं है। इसकी तुलना मियां-बीवी,चूहा-बिल्ली या प्रेमी-प्रेमिकाओं के झगड़ों से किया जा सकता है। हालांकि दोनों में खूब छनती है। दोनों का चोली-दामन का साथ है। लेकिन अखबार और टीवी चैनल अपनी लड़ाई को अनोखी, अतुलनीय तथा बिल्कुल अलग मानते हैं!अखबार और टीवी चैनल में काम करने वालों को भी एक दूसरे से उन्नीस होना स्वीकार्य नहीं है! इनके झगड़े के कई रूप हैं लेकिन उसकी चर्चा फिर कभी। आज तो सिर्फ
अखबार और चैनल के झगड़ों की आंखों देखी प्रस्तुत कर रहा हूं-

एक बार चैनल ने अखबार से कहा कि मैं पल भर में लोगों तक पहुंच जाता हूं। तुम्हारी तरह बासी खबरों से सुबह-सुबह लोगों को बोर नहीं करता! दृश्य माध्यम होने के कारण चैनल को खुद पर मानो गुमान हो। अखबार भला कैसे चुप रहता। उसने जवाब दिया कि पल-पल का पहुंचने का दम भरते हो हमारी ही बदौलत। इसमें आधे ज्यादा तो हमारा ही योगदान रहता है। हम
न हों तो तुम्हें भी आटे-दाल का भाव पता चल जाएगा। भूत-प्रेत से लेकर कुत्ता, बिल्ली और चूहा तक को खबर बना देते हो! इसीलिए तो तुम्हारी दिखाई हुई खबरों को कोई गंभीरता से नहीं लेता। चैनल थोड़ा-सा सकपका गया! शायद उसे इतनी कड़वी प्रतिक्रिया की उम्मीद न थी।

चैनल ने धाक जमाने के लिए अपने दूसरे अस्त्र का प्रयोग किया। कहा-हम खबर के साथ-साथ विजुअल्स भी पेश करते हैं। इसलिए हमारी खबर ज्यादा वजनदार हो जाती है। अखबार ने कहा कि विजुअल्स वाली बात तो तुम्हारी ठीक है लेकिन इसमें खबरें रहती कहां हैं। रात में प्रसारित टीवी के रियलटी शोज को सुबह तड़का मारकर पेश करते हो और उसी को वजनदार बताते हो! हां, तुम्हारे विजुअल्स में जान होती है! वे किसी भी विश्वामित्र को विचलित कर सकते हैं! मैं तो कहता हूं कि ये एक साथ कई विश्वामित्रों की वर्षो की तपस्या को पलक झपकते ही भंग कर सकते हैं। घर में टीवी रखने वालों को तो एक साथ ही कई फायदे मिल जाते हैं! चैनल ने भी नहले पर दहला मारा-तुम भी तस्वीरों के जरिए हलचल मचाने में पीछे थोड़े ही न हो! ऐसी-ऐसी तस्वीरें छापते हो कि लाज भी ङोंप जाए!

दोनों के बीच देर तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। लेकिन हार-जीत का फैसला नहीं हो सका। अंत में दोनों इस बात पर सहमत हो गए वर्तमान समय में दोनों ही संक्रमण काल से गुजर रहे हैं। कमोबेश दोनों की हालत भी एक जसी है। अब राई और सरसों में किसको सराहा जाए!

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