मेरे एक मित्र को रात में बिना लोरी सुने नींद नहीं आती। यह आदत उन्हें बचपन से लगी थी। तब उनकी मां उन्हें प्यार से पीट-पीटकर, कुछ गुनगुनाकर सुलाया करती थीं। यह बात मेरे मित्र ने स्वयं मुङो बताई थी। इससे यह अनुमान बिल्कुल नहीं लगाया जाना चाहिए कि मेरी मित्रता लता मंगेशकर के नाती-पोते से है। लेकिन शहर में भला ये काम कौन करता? गर्लफ्रेंड बनाना उन्हें आया नहीं। इसका हल उन्होंने एफएम के रूप में ढूंढ़ लिया। रोज रात को वह बिस्तर पर एफएम के साथ खोये-खोये मिलते। उनकी आंखें अब एफएम के इशारे पर बंद होती हैं और उसी के इशारे पर खुलती भी।
रोज की भांति मेरे मित्र कान में गोला ठूंसकर (ईयरफोन) बिस्तर पर निढाल पड़ गए। एक के बाद एक गाने बजते जा रहे हैं। आरजे बीच-बीच में अपना प्रवचन भी सुना रहा है। प्यार क्या है? प्यार क्यों होता है? और न जाने क्या-क्या? जसे प्यार पर उसने अनगिनत शोध कर प्यार का पेटेंट हासिल कर लिया हो! मेरे मित्र को नींद की आगोश में जाते-जाते जो आखिरी गीत सुनाई पड़ा, वह था-रात कली एक ख्वाब में आई/और गले का हार हुई.. सुबह को जब हम नींद से जागे/आंख उन्हीं से चार हुई..। पहली दो लाइन हमेशा सही साबित होती रही हैं लेकिन बाकी के सच होने का इंतजार था! दो लाइन ही अब तक सुकून देने और रात को रंगीन, हसीन एवं सतरंगी बनाने के लिए काफी थे!
सुबह आंख खुली। रात के आखिरी गाने की रूमानियत दिल और दिमाग पर अब भी मद्धम-मद्धम छायी हुई है। अचानक उनका मोबाइल बजता है। दूसरी तरफ से आवाज आती है-मैं फलां मोबाइल कंपनी से मिस एक्स बोल रही हूं। मित्र रूमानियत से बाहर नहीं निकलना चाहते थे। उन्होंने कह दिया कि अभी बहुत व्यस्त हूं। बाद में फोन कीजिएगा! 'मिस एक्स' को अच्छा नहीं लगा। उसने जोर डाला कि एक बार पूरी बात तो सुन लें! लेकिन मित्र टस से मस नहीं हुए। थोड़ी देर बाद फिर फोन आया। मित्र को नंबर जाना पहचाना लगा। इस बार थोड़ी उदारता दिखाते हुए उन्होंने 'मिस एक्स' की पूरी बात सुनी। 'मिस एक्स' नया कनेक्शन लेने के लिए राजी करने को आतुर थीं!
'मिस एक्स' बातों ही बातों में ब्रांड एंबेसडर बन गईं। मित्र ने झल्लाहट छुपाते हुए कहा- आपकी कंपनी को कस्टमर नहीं मिल रहे क्या? 'मिस एक्स' का जवाब सिर्फ हंसी थी। मित्र ने इस बार सोचने का वक्त मांगकर पीछा छुड़ाया। फोन कट गया। मित्र के कुछ सोचने से पहले फिर 'मिस एक्स' का फोन आ गया! इस बार 'मिस एक्स' की दिलचस्पी कंपनी के काम की बजाय मेरे मित्र के नाम जानने में थी। मित्र हैरत में थे! उन्हें पहली बार आखिरी गाने की आखिरी लाइन का रहस्य पता चला!
kya baat hai, tumne achhi khasi trazdy ko comedy me tabdil karne ki koshish ki hai. maza aa gaya, waise FM ne ek saath kai pakshon ko rahat di hai. mobile companiya, corporate jagat, aur der raat tak jagne wale is fehrisht me shamil hain.
ReplyDeleteaur haan mai tumhare us mitra ko achhi tarah janta hoo. lage raho... sales girl hi sahi.
Bhimsen